लेखनी कहानी -23-Aug-2022
((( ग़ज़ल )))
जलाया जाऐ दीये से दीया मुहब्बत का,
यही है फ़र्ज़ मेरे भाई आदमिय्यत का!
तमाम धर्म तो देते है प्यार की शिक्षा,
तो फिर ये पाढ पढ़ाता है कौन नफ़रत का!
मिटानी होंगी दिलों की ये दूरियाँ पहले,
मज़ा तब आऐगा पूजा का और इबादत का!
वही है रास्ता अच्छा कि जो रहा था कभी,
विवेकानंद का अशफ़ाक़ और शौकत का!
हमारा काम मुहब्बत को आम करना है,
करे वो काम सियासत जो है सियासत का!!
( ख़ुमार देहल्वी )
Mithi . S
26-Aug-2022 03:05 PM
Nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
24-Aug-2022 06:06 PM
वाह लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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आँचल सोनी 'हिया'
24-Aug-2022 02:31 PM
Achha likha hai aapne 🌺🙏
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